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पिता पुत्र का अनोखा रिश्ता*

             पिता पुत्र का अनोखा रिश्ता*


सबसे कम बोल-चाल पिता-पुत्र में होती है। दोनों एक दूसरे से पर्याप्त दूरी ही बनाए रखते हैं। माहौल कभी भी किसी बात पर खराब होने का डर सा बना रहता है। ऐसा होता है जब लड़का अपनी जवानी पार कर अगले पड़ाव पर चढ़ता है। पिता अक्सर पुत्र की माँ से कहता है, ज़रा "उससे कह देना" और पुत्र अक्सर अपनी माँ से कहता है, "पापा से पूछ लो ना" पिता-पुत्र नज़दीकी से डरते हैं। जबकि वो डर नज़दीकी का नहीं है, डर है, माहौल बिगडने का। किसी पिता ने शायद ही किसी बेटे को कभी कहा हो कि "बेटा, मैं तुमसे बेइंतहा प्यार करता हूँ।" (जबकि वह प्यार बेइंतहा ही करता है) पिता कभी पुत्र-प्रेम प्रदर्शित नहीं करता।

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