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॥ स्त्री की मृत्यु ॥

पिता पुत्र का अनोखा रिश्ता*

बर्बाद

जवानी

क्रोध

मैं बिहार हूँ..!

किरदार कितना भी साफ क्यों ना हो, लोग वही सोचेंगे जो उनके मन में होंगा

इस दुनिया में कुछ टूटे या ना टूटे, घमण्ड सबका टूटता है एक दिन ।

“सिर्फ खड़े होकर पानी देखने से आप नदी नहीं पार कर सकते.”

एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जानें के बाद दूसरा सपना देखने के हौसले को ज़िंदगी कहते है !

जीवन वास्तव में "चिड़िया उड़ी", "गधा उड़ा" से..!! "नींद उड़ी", "चैन उड़ा" तक चला गया..!!

जब मेहनत करने के बाद भी सपने पुरे नहीं होते तो रास्ते बदलीए सिद्धांत नहीं क्योंकी, पेड़ भी हमेशा पत्ते बदलता है जड़ नहीं…